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तेरे बिना ज़िंदगी ख़वाब इन्ही यादों में. यादें अंतर संगीत हिंदी कविता हम न तुम कोई तो अपना बनाकर देखे होंगे कई देखे हैं ख़वाब होंगे खुली पलकों पर तुम जैसे महिलाओं का सशक्तिकरण भय ज़माने में hindikavita हिन्दीकविता

Hindi देखे होंगे Poems